कविता : जीवन किस काम की....?
वो जीवन किस काम की ?
जो चमक न हो
वो सब्जी किस काम की ?
जो नमक न हो
वो घर किस काम की ?
जिस घर में टी. वी. न हो
वो लाइफ किस काम की ?
जिसकी कोई बीबी न हो
वो दुकान किस काम की ?
जहां चबाने को टॉफी न हो
वो होटल किस काम की ?
जहां पीने को कॉफी न हो
वो जेल किस काम की ?
जहां कोई सजा न हो
वो जगह किस काम की ?
जहां रहने में मजा न हो
वो स्कूल किस काम का ?
जहां कोई टीचर न हो
वो देश किस काम का ?
जहां कोई फ्यूचर न हो
वो हॉस्पिटल किस काम का ?
जहां कोई उपचार न हो
वो उद्योग किस काम का ?
जहां कोई व्यापार न हो
वो इंसान किस काम के ?
जो कुछ भी जानते न हों
वो बच्चे किस काम के ?
जो कुछ भी मानते न हों
वो बच्चे किस काम के
जो कुछ भी मानते न हो.......
netra prasad gautam