कविता : जरुरत से ज्यादा....
जरुरत से ज्यादा आहार
जरुरत से ज्यादा प्यार
जरुरत से ज्यादा पढ़ाई
जरुरत से ज्यादा लड़ाई
जरुरत से ज्यादा दोस्ती
जरुरत से ज्यादा मस्ती
जरुरत से ज्यादा कैश
जरुरत से ज्यादा ऐश
जरुरत से ज्यादा जायदाद
जरुरत से ज्यादा औलाद
ये किसीको न चैन न सुख देती है
ये तो आदमी को सिर्फ दुख देती है
ये तो आदमी को सिर्फ दुख देती है.......
netra prasad gautam