जो देखा वह सपना था , जो मिल गया वह अपना था
अपना कभी सपना होता, पर सपना तो हरदम अपना होता
सपनो में तुम सोना नहीं, सो कर उसको खोना नहीं
सपनों में जो मिलजाता है, जीवन उससे खिल जाता है
क्योकि सपना एक हकीकत , और हकीकत एक सपना |
जीवन में कुछ सपने , कुछ कच्चे कुछ पक्के
कच्चे सपने साकार हुए पक्के सब बेकार हुए
बेकार हुए उन सपनो पर, क्यूँ जीवन अपना खोता
सपने तो सपने ही होते है, क्यूँ तू उन पर रोता
इन कच्चे पक्के सपनो की, दुनिया भी अजब निराली
समझ गया जो इस लीला को, वह सबसे बड़ा खिलाड़ी|