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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

कविता - गरीब ही रहने दो....

(कविता ) (गरीब ही रहने दाे)

दाे दिन ही हुए संसद में संसदशत्र चल रहा
काेई कुछ बाेल रहा है काेई कुछ बाेल रहा


वहाँ एक सांसद ने प्रश्न काल के दाैरान
ऐसी बात उठाई की सब के सब रहे हैरान

हमारे देश में गरीब ही गरीब भरे हैं
काेई काेई लाेग ताे यहाँ भूख से भी मरे हैं

ये लाेगाें काे गरीबी रेखा से उपर उठाना है
अब हम सब मिल अपना देश बनाना है

संसद में ये बात जबर्जदस्त भीड़ गई
बांकी छोड़ गरीब के लिए बहस छिड़ गई

एक बाेला देश में साठी प्रतिशत गरीब हैं
दूसरा बाेला ना तीस प्रसेन्ट करिब हैं

तीसरा बाेला फिर..देखाे बात सही है
असल में गरीब का सही सही आंकड़ा नहीं है

ये सुन चाैथा भी बाेला तुम सब की बात है बेकार
आंकड़ा- बांकड़ा जाे भी हाे सब काे छोड़ो यार

सभापति महाेदय हमारे यहाँ काफी गरीब हैं
वे लाेग भूख के कारण माैत के करिब हैं

उनके लिए स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार
किसी हाल में काेई न हाे बेरोजगार

अगले बजेट में ऐसा प्रावधान किया जाए
काफी सारा रासी उन काे ही दिया जाए

इ स बात पर दाे चार सांसदाें ने हंगामा उठाया
एक सांसद ताे वहाँ पर बहुत चिल्लाया

काहे दूध में गाेबर घाेल रहे हाे
अरे तुमें पता भी है क्या बाेल रहे हाे

यदयपी इ स प्रकार का निर्णय लेंगे ताे
सारा का सारा बजेट उन्हें ही देंगे ताे

दाे चार उद्योगपति अाैर नेता लाेग क्या खाएंगे?
सड़क पर अाएंगे अरे हम ताे भूखे मर जाएंगे

सांसदाें ने इ स बात पर गहन बिचार-विमर्श किया
अन्तिम में जा कर वेह सबने ये निर्णय लिया

गरीब की दु:ख: पीड़ा उन्हें ही सहने दाे
गरीब काे गरीब ही रहने दाे
गरीब काे गरीब ही रहने दाे.......


(




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Shyam Kumar said

Waah... bilkul ji yahi hota h sansad m. Garibo ki koi na sun rha.

नेत्र प्रसाद गौतम replied

श्याम कुमार जी मेरी इस रचना को भी आप ने प्रशंसा किया आप को बहुत बहुत धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam rachna mahoday aapki kalam sabki sunti hai chahe wo gareeb ho rikshe wala ho, thelewala ya fir dhabewaala chhotu, aapki rachnaon ko padhkar kahin na kahin samaj ki disha dasha dono par khed hota hai,,par aapka karya anusarneey evam yogdaan se paripurn hai 🙏🙏pranam sweekar karein

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार अशोक कुमार पचौरी जी आप ने इस रचना को भी बहुत महत्त्व के साथ प्रशंसा किया मेरी हर रचनाएं की आप बहुत ही सुन्दर ढंग से सुझाब के साथ प्रशंसा करते रहते हैं इस से मुझे भी आगे कुछ नया लिखने के लिए प्रेरित होता हूं सच में आप का मैं बहुत आभारी हूं धन्यवाद।

Lekhram Yadav said

गौतम भाई अपनी कलम को ऐसे ही चलने दो बस मुझे एक टिप्पणी करने दो गरीब की सुनता कौन है उसे गरीब ही रहने दो। बहुत सुंदर रचना।

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार लेखराम यादव जी प्रशंसा के लिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद।

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