"गीत:- आजादी है"
आजादी है,
ये कोई खेल नहीं,
जिसमें होता स्व का निर्माण,
जिसमें चाहत आजादी की,
आजादी है,
ये कोई खेल नहीं,
आजादी से मिलते हैं सबके सपने,
आजादी से मिलते हैं सबको अपने,
आजादी से जीने की राह बनी,
पर कितनों ने अपनों को... खोया,
आजादी के खातिर सपनों को खोया,
आजादी है,
ये कोई खेल नहीं,
कितने जीवन आजादी में बलिदान हुए,
कितनी सांसे जंजीरों में जकड़ी गई,
कितनी आंखें अगला पल भी ना देख सकीं,
आजादी है,
ये कोई खेल नहीं,
आज हैं हम ,
उनके त्यागें सपनों के कारण,
आज हैं हम,
उनके शहीद जीवन के कारण,
आजादी है,
ये कोई खेल नहीं।।
- ललित दाधीच।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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