कविता:कान्हा कहा गया
दिनांक:31/08/2025
बंशी बजाता गोकुल का ग्वाला आज कहा गया।
राधे संग रास रचाया मुरलीधर आज कहा गया।
सखा संग माखन चुराता माखन चोर कहा गया।
कान्हा तो गोकुल छोड़ गया वो मथुरा चला गया।
गोपियों को विरह वेदना देकर कान्हा कहा गया।
गोकुल की गलियों में सन्नाटा कन्हैया कहा गया।
गोवर्धन के पत्थर वृक्षों ने पूछा कान्हा कहा गया।
कान्हा तो गोकुल छोड़ गया वो मथुरा चला गया।
यमुना जी की जलधारा ने पूछा कान्हा कहा गया।
वृंदावन की कुंज कली ने पूछा कान्हा कहा गया।
बरसाने के ग्वालों ने पूछा कान्हा आज कहा गया।
कान्हा तो गोकुल छोड़ गया वो मथुरा चला गया।
नीति की बाते समझाने कान्हा मथुरा चला गया।
दुष्ट मामा कंस को मारने कान्हा मथुरा चला गया।
माता व पिता को छुड़ाने कान्हा मथुरा चला गया।
कान्हा तो गोकुल छोड़ गया वो मथुरा चला गया।
सत्यवीर वैष्णव बारां राजस्थान
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