पास बैठो मेरे
पास, बैठो मेरे, बात कर लो जरा
प्यार का ये मौसम, गुजर जाएगा
काम करते रहोगे, यूं ही रात-दिन
यूं तन्हा सफर क्या, गुजर पाएगा
होते, रहेंगे, यह सब, काम, यूं ही
वक्त, ऐसे ही, ये भी गुजर जाएगा
जरा एक पल रूक जाओ ना तुम
दिल, मेरा, तेरे स॔ग बहल जाएगा
छोङ कर यूं अकले जाओ न तुम
वक्त, ऐसे, कहां ये, गुजर पाएगा
जिन्दगी, में कहां ठहरती है खुशी
ये दरिया-ए-गम भी गुजर जाएगा
तुम्हारे, सिवा, कौन है, अब, यहां
ये पल, यूं ही तन्हा, गुजर जाएगा
छोङ जाएंगे तुम्हें ये सब एक दिन
नहीं यादव ये कुछ भी कर पाएगा
- लेखराम यादव
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