'जोकर' नट ,
हंसाने में माहिर ,
जगतप्रिय !
जादूगर _ जौ,
हथेली पे उगाये ,
लोकप्रियता !
तारें हिलाने ,
माहिर शख्सियत ,
बहुरूपिआ !
जोंक नाक में ,
निकालते नाभि से ,
आंखों में धूल !
आखिरकार ,
दिवास्वप्न द्रष्टा है ,
खेल मदारी !
वक्त की आंधी ,
फकीर बादशाह ,
निशाँ न मिले !
✒️ राजेश कुमार कौशल