आपकी लेखनी की तारीफ़ क्या करूं ?
जब लफ़्ज़ ही नहीं रहे तो बयां कैसे करूं ?
दिल को हर दफ़ा छू लेती है आपकी शायरी,
अब आपकी इस शायरी को बेगाना कैसे कहूं ?
आपकी सादगी का चित्रण कैसे करूं ?
आपकी इस ग़ज़ल को अपना कैसे कहूं ?
आप तो लेखनी के उस्ताद लगते है,
अब और आपकी लेखनी पर क्या कहूं ?
आपकी रचनाओं का एक एक लफ़्ज़
हर दिल पर बड़ा गहरा असर छोड़ता है,
अब आपकी उन रचनाओं के जानिब में और क्या कहूं ?
एक ही दिल को बार - बार जीत लेते हैं आप
अब आप के इस हुनर की मिसाल क्या दूं ?
✍️💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐✍️