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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

गजल - जिसकी मोहब्बत ने ये गुल खिलाया है

कापीराइट गजल

जिसकी मोहब्बत ने ये गुल खिलाया है
हमें इश्क करना भी उसी ने सिखाया है

जिस मोहब्बत ने हमको बदनाम किया है
हमको जीना भी उसी ने सिखाया है

घायल हुए हैं जब भी ये जज्बात हमारे
हरेक जख्म पे मरहम उसी ने लगाया है

तरस रहे थे हम जिसको पाने के लिए
उसी मोहब्बत ने हमको गले लगाया है

जिसके इश्क में हमने खोया है दिल को
बदले में दिल अपना उसी ने लौटाया है

उनसे मिलने को जब हम हुए हैं बेकरार
दुनियां वालों ने हम को बहुत रुलाया है

हम भटकते रहे जब दिल के अंधेरों में
चिरागों की जगह हमने दिल जलाया है

खाए हैं बहुत धोखे यूं मोहब्बत में यादव
लहरों ने डुबोया साहिल ने बचाया है

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना । 🙏🙏🙏

Lekhram Yadav replied

यादव जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार।

वन्दना सूद said

🙌🏻🙌🏻आपकी पंक्तियाँ पढ़कर वाह वाह कहने का मन न हो ऐसा हो नहीं सकता 👏👏👌👌🌺

Lekhram Yadav replied

वन्दना जी ये तो आपकी जर्रे नवाजी है जो आप मेरी रचनाओं को इतना सम्मान दे रही हैं,वर्ना हम जैसे लावारिश को कौन घास डालता है, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार वन्दना जी।

वन्दना सूद said

sir,वह लेखन ही क्या जो किसी की रूह को न छेड़ दे और वो नज़र ही क्या जो गुणों को न परख पाए 🙏🙏रही बात लावारिस की तो हर एक इंसान लावारिस ही है यहाँ 😌भगवान ही हैं जिनसे आप हर समय बात कर सकते हैं मजेदार बात भी है इसमें कि वो आपको तब तक सुनेंगे जब तक आप चाहेंगे ।

Lekhram Yadav replied

आपका धन्यवाद सहित बहुत-बहुत शुक्रिया वन्दना जी।

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