कापीराइट गजल
जिसकी मोहब्बत ने ये गुल खिलाया है
हमें इश्क करना भी उसी ने सिखाया है
जिस मोहब्बत ने हमको बदनाम किया है
हमको जीना भी उसी ने सिखाया है
घायल हुए हैं जब भी ये जज्बात हमारे
हरेक जख्म पे मरहम उसी ने लगाया है
तरस रहे थे हम जिसको पाने के लिए
उसी मोहब्बत ने हमको गले लगाया है
जिसके इश्क में हमने खोया है दिल को
बदले में दिल अपना उसी ने लौटाया है
उनसे मिलने को जब हम हुए हैं बेकरार
दुनियां वालों ने हम को बहुत रुलाया है
हम भटकते रहे जब दिल के अंधेरों में
चिरागों की जगह हमने दिल जलाया है
खाए हैं बहुत धोखे यूं मोहब्बत में यादव
लहरों ने डुबोया साहिल ने बचाया है
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




