दोस्त संघी साथी मिलिहें बहुतेरे
मात पिता ना मिलिहे दुबारे।
एहसान बा इनका हमनी सब पर
जीवन दे के दुनियां जहां
देइ दीहलें।
बाल बच्चन पर धूरे धुर बिक गइलें।
बचवन के बनावे खातिर नून रोटी खईलें।
भरल जवानियां में सरब सुख मरलें।
जमीन जायदाद भईल सब गिरवी
बचवा के एतना पढ़ईलें।
जवन रूखे आइले
ऊहे रूखे गइलें
मरे के मर गइले फिरभी
पाई पाई बचवलें।
माई बाप के नेकी भईया
केहू नईखे चुकईले।
बाल ना बांका केहू
कर सकेला जब माई बाप
दिल से आशीर्वाद दीहले।
एही से कहे लें आनंद कि..
खुशनसीब बा ऊ एह दुनियां में
जे बा माई बाप पवले...
जे बा माई बाप पवले...