क़रीब तेरे हम हमेशा ना रहेंगे,
ठिकाना हमारा दूर का है।
तेरे साथ सफ़र कर सकते नहीं ज़िंदगी भर,
सफ़र हमारा बड़ी दूर का है।
जब तक संघर्ष है हम तेरे साथ है,
जब मिल जायेगी मंज़िल तो हमे जाना होगा।
एक साथ हम कभी रह सकते नहीं,
क्योंकि हम दोनों की मंज़िल में फ़ासला है मीलों का।
कल जब कामयाबी मिल जायेगी,
तो दूरी तुझसे बढ़ जायेगी।
हॅंसना मेरे नसीब में कहां ,
एक ना एक की जुदाई तो मुझे रुलाएगी।
आज कामयाबी के लिए तड़प रही हूॅं,
कल तेरे लिए तड़पना होगा।
कैसी तक़दीर है ये मेरी,
कि एक को पाने के लिए दूजे को खोना होगा।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️