कोशिश करके मैं हार गई।
फिर हिचकी आई तार गई।।
कब से लगी थी समझाने में।
उस वज़ह से आँखें चार हुई।।
खता न होती यदि तुम से।
यों आई बहार बेकार गई।।
इश्क का मौसम तंग हुआ।
तुम्हारी खिदमत मार गई।।
किसने दरीचे खोले 'उपदेश'।
धूप आई पैर पखार गई।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




