जाते हुए दिसम्बर
तूने कुछ अच्छा भी किया कुछ बुरा भी किया, तूने संभाला और संभले का मौका भी दिया।
कुछ जरूरत भी पूरी की कुछ अधूरी भी की, किसी से बिछड़े भी और किसी से मिले भी।
कुछ ख्वाब दिखाए और पूरे भी किए, कुछ उदास भी किए और कुछ खुशियाँ भी दिए। अब जा रहे हैं एक नई दुनिया में कुछ आशाएं लेकर, हमेशा के लिए तुझे अलविदा बोलकर ।।
😊Happy Ending 2024😊
Good bye 2024🥺
- सुप्रिया साहू

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




