वो लिपटकर आए
तिरंगे में शौक से
उनके मुख की लाली
तो देखो।
मुस्कुराता हंसता
कोई सवाली तो देखो ।
जो कह रहा है कुछ अदब से
की राहें कुर्बानियों के
कभी कम ना करना।
मर भी जाएं मातृभूमि पर
तो कुछ गम ना करना।
क्योंकि वतन पे मर मिटने वाले
कभी मरते नहीं।
ढूंढों गर दिल से तो मिल जायेंगें
यहीं कहीं।
इन हवाओं में
सारी वफाओं में
खुशियों में
तरक्कियों में
सबके सम्मान में
हरेक के विकास में
नभ में
जल में
थल में
मंदिर मस्जिद
काबा काशी।
जहां भी देखो
दिख जायेगी
उनकी झांकी।
शहीदों के बिना
नहीं है कोई कण कण बाकि।
सो दीप शहादतों वाली
जलनी चाहिए।
काफिलें शहीदों वाली
कभी ना रुकनी चाहिए।
शहादातों में आम आदमी
की भी भागेदारी बढ़नी चाहिए।
देश के हरेक आदमी को वीर सैनिक
बनना चाहिए..
जब यह देश है हर किसी का तो
इसके निगहबा भी सभी को होना चाहिए..
हम सभी को सैनिक बनना चाहिए...
हम सभी को वीर सैनिक बनना चाहिए..