हम खो जायेंगे,
बाहों में,
इतना प्यार है,
निगाहों में,
इतनी चाहत कहाँ से आई,
मत पूछो, राहत आई,
तेरी बातों में सुकून है,
मगर गुस्सा महीना जून है।
मेरी आँखों में है सूरत तुम्हारी ,
लब पे छाई है इक खुमारी,
जुल्फें रेशम ओ अतलस है,
तू नादान है और ना समझ है।
तेरा मिलन जैसे तकदीर का मिलन,
ऐसा लगता है रांझा हीर का मिलन,
करीब इतने है सब हकीकत होने लगे,
तू मुझमें मैं तुझमें बाहें डाल सोने लगे।
मनोज कुमार एकता

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




