हम तन्हा है तन्हा ही रहेंगे,
कोई ऐसा है नहीं इस जहां में जो साथ
हमारा दे सके।
हमारी ज़िंदगी बेरंग है और बेरंग ही रहेगी,
कोई है नहीं जो इसे रंगीन कर सके।
बड़े ही ख़ुश-मिज़ाज है हम,
किसी में दम नहीं कि हमारा मिज़ाज
ग़मगीन कर सके।
हम अपनी मर्ज़ी से जीते हैं,
किसी की औक़ात नहीं कि हमे उसके हिसाब
से जीने को मजबूर कर सके।
हम आज़ाद है और आज़ाद ही रहेंगे,
कोई है नहीं ऐसा जो हमे बांध सके।
हम खुले आसमान में खुल कर उड़ेंगे,
कोई है नहीं जो हमारे पर काट सके।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️