ऐसा मिज़ाज है मेरा,
कि किसी से नाराज़ रहती भी हूॅं तो उसे
अपनी नाराज़गी का एहसास होने देती नहीं।
लोग अक्सर अपनी नाराज़गियाॅं गिनाते रहते हैं
पर मैं उनमें से नहीं जो कि नाराज़गी गिनाए,
मैं तो इस तरह रुख़्सत हो जाती हूँ
उनकी ज़िंदगी से कि वो उम्र भर
असमंजस में रहते हैं।
लोग अक्सर किसी से इंतिक़ाम में
उसे दुगना दर्द दे देते हैं जिसने उसे
बहुत तकलीफ़ पहुंचाई है,
पर जो मुझे दर्द दे उसे इंतिक़ाम में दर्द देना
मेरी फितरत नहीं।
मेरी तो एक आदत है,
कि जो मेरा दिल दुखाए,जो मुझे रुलाए
बिना उसे पता चले चुपके से उससे हमेशा के लिए
बहुत दूर हो जाती हूँ।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




