कापीराइट मुक्तक
गर दिन हुआ है, तो रात भी होगी
दिल में इश्क की बरसात भी होगी
इतना न तड़प मेरे लिए अय दोस्त
किसी दिन तो मुलाकात भी होगी
- लेखराम यादव
यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है
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