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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इस ज़माने में

वक्त जाया क्यूं करें
इन्हें आज़माने में
ऐसे काफी लोग हैं
इस ज़माने में

कलाकार भी इनके घर
पानी भरा करते हैं
दिल तोड़,कला भरी है
इनके खजाने में

चेहरे पर मासूमियत और
दिल में गहरी खोट लिए
सफल हो जाते हैं
करीब आने में

जखम कहां करनी है
मरहम कहां लगानी है
बखूबी रखतें हैं, ये
तीर निशाने में

मुश्किल तो है,पर
बचना जरूरी है, ऐसे लोगों से
वरना जिंदगी जहन्नुम बन जाती है,
इस ज़माने में।।


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

सुप्रिया साहू said

जी आपने बिल्कुल सही कहा, कई लोग होते हैं जो हमारी खुशियों को नहीं देख पाते और उस हंस्ती खेलती जिंदगी को जहन्नुम बना देती है, ऐसे लोगों से बचना जरूरी है, बहुत खूबसूरत रचना मनोज सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌🙏🙏

सरिता पाठक said

खूबसूरत रचना सुप्रिया मेम 👌👌आपको सादर नमन

सरिता पाठक said

बहुत सुन्दर रचना मनोज जी हर पंक्ति लाजबाब वक़्त जाया क्यों करें, इन्हें आजमाने में, दिल छू लिया भईया जी 👌सादर नमस्कार 🙏🙏सॉरी भईया जी मैंने पहले गलती से ऊपर आपका नाम गलत लिख दिया माफ करियेगा

शिवचरण दास said

रखते हैं कितने तीर तरकश में लोग इस ज़माने में
सही कहा है समदिल भलाई है इनसे बच जाने में!

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ख़ूब! बहुत ही बेहतरीन और शानदार कविता लिखी है आपने, मनोज जी! लाजवाब! आदाब! 👌👌👏👏❤️🙏

वन्दना सूद said

वाह क्या खूब सच्चाई लिखी आपने 👌👌👏👏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीया सुप्रिया जी, सुभाष जी, सरिता बहन,दास सर जी, परवेज जी वन्दना जी,आप सभी को सादर प्रणाम करता हूं जिन्होंने मेरी रचना को अपनापन दिया।🌻🌻🌻

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