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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

वो समझदार है या

थोड़ी शर्मीली थोड़ी मुस्कान से भरी,
वो समझदार है या नासमझ कोई परी।
वो जब भी हॅंसती है बरखा फूलों की होती है,
वो रहती हमेशा प्यार मोहब्बत से हरी-हरी।

इस दुनियां से अनजान सी लगती है,
वो अपनी अलग ही दुनियां में खोई हुई रहती है।
कोई राब्ता नहीं उसका इस मतलबी दुनियां से,
वो तो बस यही कहती है।

अपनी एक छोटी सी प्यारी सी दुनियां को उसने
बनाया है,
जिसे उसने अपनी मंज़िलों को पाने के इरादे से
बसाया है।
हुनर उसका कुछ अजीब ही है,
उसी हुनर से उसने ख़ुद को सजाया है।
💐✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️








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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

Lekhram Yadav said

नमस्कार मेरी प्यारी बहना। तुम यूं ही ख्वाब सजाती रहो और अपना हुनर दिखाती रहो और हमें खुश करती रहो। आपको दिल से प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम🙏 आभार आपका

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

अपनी एक छोटी सी प्यारी सी दुनियां को उसने बनाया है, जिसे उसने अपनी मंज़िलों को पाने के इरादे से बसाया है। हुनर उसका कुछ अजीब ही है, उसी हुनर से उसने ख़ुद को सजाया है। Dil ko chhu lene wali panktiyan...bahut anupam likha mam pranam sweekar karein 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 🙏

फ़िज़ा said

Waah lazawaab 👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया आपा

Bhushan Saahu said

Bahut aatmviswas se bhari hui rachna hai. Bahut achaa likha aapne.

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much

Arpita pandey said

आपके हुनर को नमन

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया अर्पिता दीदी

Vadigi.aruna said

Sach me मै आपकी रचनाए बार बार पढ़ना चाहती हूँ । बहुत खूब लिखा आपने

रीना कुमारी प्रजापत replied

Acha To padhiye na baar baar 🙏🙏

Vineet Garg said

बहुत सुंदर रचना मैम

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya ji

Chitra Bisht said

Adbhut

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