गैरों को अपनाओ भी तो वो अपने कहाँ होते हैं
गैर तो फिर भी गैर हैं अपने भी अपने कहाँ होते हैं
परवाह है खातिर किसी की तो फ़र्क नहीं पड़ता
हमेशा दिल के क़रीब लगते हैं चाहे वो जहांँ होते हैं
जिनसे वजूद है हमारा याद रहती है उनकी नसीहतें
चलते हैं हम हरदम उसी पर जहांँ उनके निशांँ होते हैं

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




