सबूत कि तौर पर
कुछ लम्हां था
जो गुजर गया
वर्ना साबित कर देते
बुरे नहीं थे हम
दोस्तों की महफ़िल में
एकांत से लड़े
क्यों कि भीड़ में भी
तन्हां थे हम
समर्पण में अर्पण है
त्याग दिया फ़िर भी
जहां से हारे अपूर्ण हैं हम
दया में दान है छिपा
जो भावना से पर है
सक्षम होकर भी कांपे
थोड़े डरपोक हैं हम
बुराई से लड़ रहे
अच्छाई में हारे
स्वार्थी दुनियां में
अपमानित हो रहे है हम
केवल ए तो भाव बहे
ये ना कहना अहसास कहे
समझने वाले जो चाहे समझे
उनका भी धन्यवाद करते हैं हम


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







