हौसला
नई बेचैनयाँ लेकर,
इस कदर बढ़ता जा ।
वक्त की गर्दीशे मिट जाए,
तेरे हौसलों के आगे ।
नई कारवां इस तरह गढ़ता जा,
कर्म इतिहास बन जाए।
अपनी सोच को,
हौसलों का पंख देकर,
हकीकत करता जा।
सपने देख इस कदर,
तेरे नींद उड़ जाए।
मौन गौन रहकर भी
सादगी मिसाल बन जाए।
डॉ. चुन्नन कुमारी
सहायक प्राध्यापिका/विभागाध्यक्ष
हिंदी विभाग
एस.बी.कॉलेज, आरा
वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा