तेरे नज़दीक आ भी सकते हैं। अपने दिल से लगा भी सकते हैं।
कोई परदा नहीं है तुझसे मेरा, अपनी नज़रें झुका भी सकते हैं।
ज़िन्दगी तुझसे है मेरे हमदम, ये हक़ीक़त छुपा भी सकते हैं।
रौनकें कम नहीं है चाहत की, अपना चेहरा दिखा भी सकते हैं।
बस तेरी एक ही ख़ुशी के लिए, अपनी खुशियाँ लुटा भी सकते हैं।
----डाॅ फौज़िया नसीम शाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




