कौन कहता है हिन्दू एक है
वह तो एक में ही अनेक है
बड़े बड़े संगठन है इनके
बड़े बड़े इनके समाज
करते है सभाएं जनाब
बरस में दो चार आम
हर सभा का नारा एक
फलां समाज एकता जिंदाबाद
इन सब में हिन्दू है कहां
यही सवाल है विकराल
जातियों में बंट गया हिन्दू
समाज जड़ एक है शाखाएं
अनेक लग गये फल अनेकानेक
अनेकता में एकता बहुत सुनीं
देखना हो एकता में अनेकता
तो देख लें आकर हिन्दू समाज
खोद रहें हैं जड़े अपनी दिनदहाड़े
शाखा पर बैठ शाखा जो काटे
कालिदास बन गये हम सारे
भाईचारा अच्छा निभाते हैं
क्या करें भाईचारा निभाने
वाले दुनियां में यही बच गए
बेचारे है
वो हमें तोड़ कर मस्त हैं
हम टूट फूट में व्यस्त हैं
खिसक रही है ज़मीं
पैरों के नीचे से रोज़ ज़रा ज़रा
पर देख सकते नहीं
वफा के चश्मे जो चढ़ाएं बैठे हैं

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




