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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

हवा में पत्तों का मधुर नर्तन - हितेष गुरबकशानी

कैसे मन को भाता है पेड़ों पर पत्तों का सरसराना,
जब गर्मियों की हरियाली हवा में लहराना।
जब बलूत, बीच और मेपल मिलकर गुनगुनाते हैं,
और कांपते ऐस्पन की भाषा सबको समझाते हैं।

पतझड़ के ये वनवासी हैं एक संगीतमय दल,
इनकी सरल-सी धुनों में है बचपन का भी हल।
इनकी लय में है एक मतलब, पत्तों में है सुखद बात,
जब हवा चले इन पेड़ों में, उठती संगीत की बात।

धीमी-धीमी फुसफुसाहट से होता है आरंभ गीत,
फिर सुकून भरी एक धुन डर को भी करे जीत।
जैसे-जैसे बढ़े स्वर, फिर गूंजे मधुर तान,
और अंत में मिलती खुशियाँ जब थमता मधुर गान।

सुकून की लहरें लाता जब मंद पवन बहे,
प्रकृति की इस लोरी में मन दूर गगन को गए।
छूटते हैं जग के झंझट, चिंता और पीड़ा सारे,
जब पत्तों की सरसराहट सुन, मन खो जाए न्यारे।

ओह! कितना अच्छा लगता पेड़ों का संगीत सुनना,
जब हवा में पत्तों का मधुर नर्तन हो झनना।
उस जंगल की ध्वनि में है एक मधुर समरसता,
जिसे सुनते मन कहे — यही तो है सच्ची शांति व भलता।

हितेष गुरबकशानी




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

हवा में पत्तों का मधुर नर्तन -- Bahut khoob Likha Adarneey Aapko Saadar Pranam

Shiv Charan Dass said

बहुत सुन्दर रचना

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

मधुर बयारें जब चलती है, पत्तों को छेड़ जाती है सरसराती ध्वनियां तब,जीवन का राग सुनाती है। प्रकृति प्रेम की सुंदर रचना, पढ़कर मन हरा भरा हो गया जी ।आपको नमन आपकी सरस,शांत और हरे पत्तों के नृत्य में डूबे हृदय को नमन!!

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