तुम्हारी बड़ी बड़ी आँखें जिधर देखती।
अंजाम बदल जाते बेशक असर देखती।।
उधर के जलते दीपक ओट ढूँढने लगते।
जिधर जिधर हवाएँ पलट कर देखती।।
समुन्दर की लहरे आकाश से सहारा चाहें।
कोई तो है जो हवाओ के भीतर देखती।।
बाल्यावस्था मैं भी किशोरों जैसी शक्ति।
मुसीबतों के टूटते 'उपदेश' कहर देखती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




