कविता : कमजोरी....
एक झापड़
मारने वाला
बहुत घुसा
करने वाला
उसने दूसरों को
दुख दिया है
अन्याय बहुत
बड़ा किया है
ये तो एक ऐसा
घृणित कार्य है
उसे दंड देना
अनिवार्य है
जो झापड़ खाने वाला
चुप चाप सहता
वो बिल्कुल भी
कुछ नहीं कहता
ये अन्याय सहना
भी ठीक नहीं है
असल में जा कर
कमजोरी यही है
असल में जा कर
कमजोरी यही है.......
netra prasad gautam