जीवन की सच्चाई
एक साँस से दूसरी साँस के बीच का जो फ़ासला है
वही है असल ज़िन्दगी
साँस चलती रहती है तो यह फ़ासला दूर नहीं लगता है
यदि साँस थोड़ी भी अटक जाए,तो यही फ़ासला तय करना मुश्किल पड़ जाता है
साँस के आने जाने का सिलसिला कभी न कभी थम ही जाएगा
यदि उस फ़ासले को जीना आ गया
यदि उस फ़ासले का महत्व जान लिया
यदि उसकी गहराई को पहचान लिया
उसी पल से हमारा अहम् चाहे मन का हो ,तन का हो या हो धन का खत्म हो जाएगा
ज़िन्दगी की बेवजह की दौड़ अपने सही मुक़ाम पर पहुँच जाएगी
और साँस से साँस तक का फ़ासला किसी खूबसूरत(भक्ति) रस से भर जाएगा ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







