हसरतों की डगर पर चिराग लिए हम,
तेरे मिलने का इंतजार करते हैं हम,
लोग बहुत मना करते हैं फिर भी बार बार यह गुनाह करते हैं हम,
धर्म नाथ चौबे 'मधुकर'
[M: 9038539763]
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
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