ये हसीन पल कहां हर रोज़ मिलते हैं ज़िंदगी में,
आज मिले कल नहीं मिलते हैं ज़िंदगी में।
इस तन्हा ज़िंदगी को इन्हीं पलों की तलाश रहती है,
मिल जाये कहीं ये यही आस रहती है।
ये हसीन पल कहां हर रोज़ मिलते हैं ज़िंदगी में,
अभी है तो फिर नहीं होते हैं ये ज़िंदगी में।
ख़ुश - नुमा ज़िंदगी की पहचान है यही पल,
हर वक्त मिलते रहे ये तो ना हो कोई उदास आज और कल।
ये हसीन पल कहां हर रोज़ मिलते हैं ज़िंदगी में,
कभी है तो कभी नहीं होते हैं ये ज़िंदगी में।
मिल जाये ये पल समझो सबकुछ मिल गया,
ज़िंदगी की इस जंग में हर कोई जीत गया।
~ रीना कुमारी प्रजापत