"कैसी हैं जिंदगी?"
कैसी है जिंदगी
जब हम खुश हैं,
तब बहुत प्यारी है जिंदगी
जब हम उदास रहे,
तब दु:ख भरी है जिंदगी ।
जब कुछ अच्छा लगे,
तब रंगीन है जिंदगी
जब मन सोच में डूबा रहे,
तब बहुत गहरी है जिंदगी ,
जब कठिनाईयाँ सामने आएं
तब मुश्किल भरी है जिंदगी ,
जब सपने साकार हो जाएं
तब सार्थक है जिंदगी ।
जब दिल टूट जाए
तब गमों से घिरी है जिंदगी
अपनों के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत है जिंदगी ।
सच पूछो तो परिस्थिति के सांचे में खुद को ढ़ालना है जिंदगी ।
रचनाकार- पल्लवी श्रीवास्तव,
ममरखा, अरेराज... पूर्वी चंपारण (बिहार)