चेहरे पर नकाब
चेहरे पर नकाब लगाकर,
हकीकत छुपाते हैं।
दिल की बातें दबाकर,
झूठ बोलते जाते हैं।
मधुर बोल बोलकर,
छल कपट करते हैं।
अंधेरे में छिपकर,
कुकर्म करते हैं।
नकाब के पीछे छिपकर,
असली चेहरा छुपाते।
दुनिया को दिखाते,
कुछ और ही बताते।
अहंकार के घमंड में,
चूर-चूर हो जाते।
सत्य को दबाकर,
झूठ बोलते जाते।
समाज में फैलाते हैं,
नफरत और वैमनस्य।
अपने स्वार्थ के लिए,
करते हैं बलिदान।
पैसा और शक्ति,
इनकी पूजा करते हैं।
मानवता को भूलकर,
पाप करते हैं।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




