बीमारी कुछ भी नही जुदाई रही होगी।
धरा पर उठा चक्रवात तबाही रही होगी।।
मरने वाले क्या बतायेंगे लिखने वाले गए।
काग़ज़ पर ऐसा लगता स्याही रही होगी।।
गुनाह माने कैसे हकीकत कुछ और रही।
उसके हिस्से में शायद गवाही रही होगी।।
परवरिश सही मगर संग साथ का असर।
खुशनसीबी 'उपदेश' हमराही रही होगी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद