कविता : बुरवक....
आदमी जब मुर्दों को याद करता
दीपों को जलाता है
आदमी जब जन्म दिन मनाता
दीपों को बुझाता है
समझ ही न आए
ये आदमी कैसा है ?
कितना है बुरवक
क्यों आदमी ऐसा है ?
कितना है बुरवक
क्यों आदमी ऐसा है.......?
netra prasad gautam

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




