देखो प्रिय हम एक दूसरे पे मरते रहे
छुप छुप कर हम लोग प्यार करते रहे
आगे भी यूं ही चलते रहे तो
हम आपस में मिलते रहे तो
अगर ये हरकत हमारे बहु बेटे को पता चलेगी
आप की और मेरी इज्जत तो मिट्टी में जा कर मिलेगी
इसी लिए प्रिय चलो अब ये निर्णय लेते हैं
तुम्हारे मेरे इस लम्बे प्यार को पूर्ण विराम देते हैं
वैसे भी आप की उम्र पचपन मेरी पचहत्तर है
अब तो ये प्यार मुहब्बत न करना ही बेहतर है
अब तो ये प्यार मुहब्बत न करना ही बेहतर है.......
----नेत्र प्रसाद गौतम