हमारे गाँव ने बेटी तुम्हारे शहर भेजी है ,
पढ़ाई किस तरह से कर रही है देखते रहना!
खुशी में खिलखिलाकर खूब हँसती है,रुलाई को
हँसी में ढालने का ढंग तक आता नहीं उसको
अभी मासूम है इतनी समझ पाती नहीं कुछ भी
दुपट्टा डालने का ढंग तक आता नहीं उसको
बड़ा संकोच रखती है कभी कुछ भी न बोलेगी
मगर वह किस गली में डर रही है देखते रहना!
नदी के तीर जाती थी हवा से बात करती थी
इमलियाँ तोड़ती थी बाग में जाकर गुलेलों से
पतंगे लूटती थी कोयलों के साथ गाती थी
मगर अन्जान है वह शहर के खामोश खेलों से
उसे मालूम क्या होंगी तुम्हारी अजनबी गलियाँ
अभी तक सिर्फ अपने घर रही है , देखते रहना!

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




