चाँद धूंधला है या आँखें डबडबाई
चेहरा रुपहला है या बादल में आकृति बन आई
तुमको गए आज वर्षों बीत गए मम्मी,पर तुम याद बहुत आई
यूँ तो हर रोज़ याद आती हो मगर आज कुछ अलग हीं ढंग से छाई।
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तुमको गए आज वर्षों बीत गए मम्मी,पर तुम याद बहुत आई
यूँ तो हर रोज़ याद आती हो मगर आज कुछ अलग हीं ढंग से छाई।