घर इक उपवन,
घर इक बचपन !
घर इक यौवन,
घर इक सावन !!
घर मुस्कानें,
घर में दुआएँ !
घर में अपनापन,
घर में वफ़ाएँ !!
घर है चुप्पी भी,
घर है बातें भी !
घर है रिश्तों की,
मीठी सौगातें भी !!
घर है माँ की गोद,
पिता की छाया !
भाई की हिम्मत,
बहना की माया !!
दादी की कहानियाँ,
नानी के गीत !
चूल्हे की रोटी,
और मिट्टी की प्रीत !!
घर में हर रिश्ता,
खुशबू सा महके !
घर के बिना तो,
हर सपना बहके !!
बूढ़े हों माँ-बाप या घर,
छोड़के ना जाइये !
मकान बहुत मिल जायेंगे,
मगर नहीं मिलेगा वो प्यारा घर !!
जिसमें बचपन की
साँसें बसी हों,
और ममता की छाँव
पली हो !!
घर है जीवन,
घर है मधुबन !!
घर है सब,
धामों से पावन !!
वेदव्यास मिश्र की घरेलू कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




