तुम तो अपने हो इसलिए शिकायत रखी।
समझते नहीं गैर की कहाँ शिकायत रखी।।
कुछ कह लेते और कुछ सुन लेते तो सही।
मुश्किल घड़ी होगी नजर न इनायत रखी।।
अब कुछ कहना नहीं दीवारों से 'उपदेश'।
दीवारों ने पनाह दी इतनी बरक्कत रखी।।
कोशिश जारी रहेगी कभी तो तहरीर होगीं।
अदालत बैठेगी और सजा-ए-फुर्सत होगीं।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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