नमन मंच
संवेदनशीलता ही शाकाहार का सबसे मूल आधार है,
करूणा दया हो ह्रदय में जिसके करता शाकाहार है,
प्राण सभी जीवों में एक से जीवन सबको प्यारा है,
फिर मानव को जीवों के भक्षण का क्या अधिकार है!!
प्रकृति ने मानव की संरचना बनाई शाकाहार स्वरूप है,
मनुज व पशु की दंतपंक्ति का पैनापन इनके अनुरूप है,
पाचन शक्ति और प्रक्रिया भी शाकाहार निरूपी है,
सृष्टि प्रदत्त वनस्पति आहार मानव हेतु अमृत रूप है।
शाकाहार से तन को मिले पोषक तत्वों का भंडार है,
अनेक रोगों की औषधि बनता स्वयं ही शाकाहार है,
बल के मानक हाथी घोड़े केवल शाक कंद ही ग्रहण करें,
महज़ कोरी बातें नहीं इनके पीछे वैज्ञानिक आधार है !!
तामस भोजन पैदा करता तन में प्रमाद औ मनोविकार,
मांस भक्षण उन्माद बढ़ाता क्रोध हिंसा के निम्न विचार,
मनोविज्ञान भी कहता मन वच काय में तेजस ऊर्जा हो,
मनोरोगों से स्वस्थ बनाता संयमित सात्विक शाकाहार !!
विरेन्द्र जैन "माहिर"
वड़ोदरा गुजरात


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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