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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

एक रोज फिर मिलेंगे हम

एक रोज फिर मिलेंगे हम,
जहाँ ढलती हुई शाम होगी,
जहाँ छलकती जाम होगी,
जहाँ सकूँ, एहतराम होगी।

एक रोज फिर मिलेंगे हम,
जहाँ यादों की बरसातें होंगी
जहाँ अनकही सब बातें होंगी,
जहाँ यारों से मुलाकातें होंगी।

एक रोज फिर मिलेंगे हम,
जीवन की आपाधापी से दूर,
भुला के गम खुशियों से पूर,
मिलते थे पहले जैसे बदस्तूर।

एक रोज फिर मिलेंगे हम,
जहाँ बिता बचपन उस गाँव में,
जहाँ बैठते थे दरख़्त की छाँव में,
जहाँ लगता जमघट उस ठाँव में।

एक रोज फिर मिलेंगे हम,
जीवन के आखिरी ढलान पर,
साँसों से लड़ते दालान पर,
या फिर अंत में मसान पर।

एक रोज फिर मिलेंगे हम।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah kya baat hai Adarneey Bhavon se ot proat Rachna, Sadar Pranam 🙏🙏👌👌

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सहित सादर प्रणाम पचौरी सर। 🙏🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! क्या बात है बहुत खूब एक रोज़ फिर मिलेंगे हम....👌👌✍️✍️👍

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद रीना जी ।🙏🙏🙏

फ़िज़ा said

जहाँ सकूँ, एहतराम होगी, वाह क्या कहने हैं 👌👌बहुत ही बेहतर

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद फ़िज़ा जी प्रतिक्रिया के लिए।🙏🙏

Jivani Sharma said

बहुत उत्तम रचना "एक रोज फिर मिलेंगे हम"

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद जीवनी जी।🙏🙏🙏

Manju Sharma said

वाह!! 👌👌👏👏बेहतरीन रचना

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद मंजू जी ।🙏🙏🙏

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत रचना, भाई साहब अपना पता बता दीजिए हम भी आप से जरूर मिलेंगे, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार.

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सहित सादर नमस्कार यादव सर जी। 🙏🙏🙏

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