कापीराइट गजल
जब मजा अकेलेपन का उठा कर देखा
एक ख्वाब नया दिल में सजा कर देखा
गुजर रही थी जिन्दगी अन्जान राहों से
फुरसत में जब हमने गुनगुनाकर देखा
खिल गई ये जिन्दगी गुलाबों की तरह
वक्त खुद के लिए जब चुरा कर देखा
बात करके दिल को मिल रहा है सुकून
मन की बात दिल जो को सुनाकर देखा
सफल होने लगी हैं यह कोशिशें मेरी
अपने कंधों को जब थपथपाकर देखा
ये मुस्कुराहट मेरे लबों पर छाने लगी है
दिल के आईने में जब मुस्कुराकर देखा
अपनी खुशी के हम तलबगार हैं यादव
यह बात दिल को जब समझाकर देखा
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




