एक मोड़ पर
एक मोड़ पर खड़ा कराकर, मुझे बेवफ़ाई का सिला दिया।
अनजाने रास्ते पर छोड़कर, मुझे बदनसीब इंसाँ बना दिया।
हजारों विपत्तियों का सामना करना सीखा दिया,
अपनों से अच्छा गैरों ने मुझे अपना बना लिया।
छोड़कर जाना ही था एक मोड़ पर तो,
मुझे अपने संग जीना क्यों सीखा दिया।
बड़ी मुश्किल हैं इस दुनिया को समझना,
तुमने तो मुझे खुद को ही भूलना सीखा दिया।
कोई न था इस परिस्थिति में अपना इस अनजाने से शहर में,
लेकिन इस परिस्थिति ने मुझे हालातों से लड़ना सीखा दिया।
- सुप्रिया साहू