एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा मुझसे दूर चले जाने की,
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरे ना आने की।
ये ख़लिश कभी ख़त्म ना होगी,
आ भी जाए तू फिर कभी
पर अभी ना आने की ख़लिश तो हमेशा रहेगी।
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा मुझसे बात करना छोड़ देने की,
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा मुझे भूल जाने की।
ये ख़लिश शुरू हो गई है तो अब ख़त्म ना होगी,
याद कर भी ले तू मुझे फिर कभी
पर अभी जो भूल गया उसकी ख़लिश तो सदा रहेगी।
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा यूं मुझसे रूठ जाने की,
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
मेरे मनाने पर भी तेरे ना मानने की।
ये ख़लिश हमेशा याद रहेगी,
मान भी जाए तू फिर कभी
पर ये ख़लिश हमेशा खलती रहेगी।।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️