New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

एक ख़लिश सी है मेरे दिल में

एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा मुझसे दूर चले जाने की,
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरे ना आने की।
ये ख़लिश कभी ख़त्म ना होगी,
आ भी जाए तू फिर कभी
पर अभी ना आने की ख़लिश तो हमेशा रहेगी।

एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा मुझसे बात करना छोड़ देने की,
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा मुझे भूल जाने की।
ये ख़लिश शुरू हो गई है तो अब ख़त्म ना होगी,
याद कर भी ले तू मुझे फिर कभी
पर अभी जो भूल गया उसकी ख़लिश तो सदा रहेगी।

एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
तेरा यूं मुझसे रूठ जाने की,
एक ख़लिश सी है मेरे दिल में
मेरे मनाने पर भी तेरे ना मानने की।
ये ख़लिश हमेशा याद रहेगी,
मान भी जाए तू फिर कभी
पर ये ख़लिश हमेशा खलती रहेगी।।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

नमस्कार मेरी प्यारी बहना। बहुत अजीब सी खलिस है, इस सुन्दर कविता में मगर खलिस अच्छी हो तो बनाए रखना ।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sundar abhivyakti Reena mam that's very heart touching...bahut khoob soorat likha aapne Pranam sweekar karein 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया भय्या, शुभ रात्रि

Sanjay Srivastva said

वाह, सर्वश्रेष्ठ रचना 👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन