क्रूरता का जहर
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
क्रूरता का ज़हर, धीरे-धीरे घुलता है,
मन को पहले बीमार करता है, फिर रूह को।
यह एक ऐसा ज़हर है, जो धीरे-धीरे फैलता है,
और जीवन को एक अभिशाप बना जाता है।
अपनों के चेहरों पर उदासी लाता है,
और प्यार के रिश्तों को तोड़ जाता है।
यह एक ऐसा ज़हर है, जो हमें अपनों से दूर करता है,
और हमें एकाकी बना जाता है।
क्रूरता का ज़हर, हमारे दिलों को पत्थर बना जाता है,
और हमें दूसरों के प्रति असंवेदनशील बना जाता है।
यह एक ऐसा ज़हर है, जो हमारे जीवन को नष्ट कर जाता है,
और हमें एक जीवन के अभिशाप में बदल जाता है।
हम क्रूरता के इस ज़हर को नष्ट करें,
और अपने जीवन को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएं।
हम प्यार, करुणा, और सहानुभूति को बढ़ाएं,
और अपने जीवन को एक सुंदर और खुशहाल जीवन बनाएं।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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