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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

है भयभीत क्यों

है भयभित क्यू... रास्ता देख रही है मंजिल अब रुकने के रीत क्यों,
है भयभीत क्यू ,
डगर डगर पत्थर और कांटे... है रुकने की रीत क्यों है,
है भयभीत क्यों,
संघर्ष भरे इस जीवन में... है हार से तेरी प्रीत क्यों,
है भयभीत क्यों,
भविष्य की चिंता में... तु वर्तमान से वीहीन क्यों,
है भयभीत क्यों,
है भयभित क्यू... रास्ता देख रही है मंजिल अब रुकने के रीत क्यों,
है भयभीत क्यू ,


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

ताज मोहम्मद said

बहुत बहुत बहुत ही सुंदर रचना। अति उत्तम प्रस्तुति। बहुत ही उम्दा।

राजू वर्मा replied

Tx sir

Vineet Garg said

Inspiring poem 👏

राजू वर्मा replied

Tx sir

Ankush Gupta said

चलना ही जिंदगी का नाम है

राजू वर्मा replied

Tx ankush ji

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Jesa ki Taaj Sahab Ne bhi Kaha Bahut Hi sundar Rachna Aur Prastuti...wastav me achhi rachnayein hain aapki..

राजू वर्मा replied

Fir aaphi kuch madad kijiye ....... Koi manch dilaye mujhe

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