है भयभित क्यू... रास्ता देख रही है मंजिल अब रुकने के रीत क्यों,
है भयभीत क्यू ,
डगर डगर पत्थर और कांटे... है रुकने की रीत क्यों है,
है भयभीत क्यों,
संघर्ष भरे इस जीवन में... है हार से तेरी प्रीत क्यों,
है भयभीत क्यों,
भविष्य की चिंता में... तु वर्तमान से वीहीन क्यों,
है भयभीत क्यों,
है भयभित क्यू... रास्ता देख रही है मंजिल अब रुकने के रीत क्यों,
है भयभीत क्यू ,
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




