हमारा हाल पूछने से पहले अपना बता देना।
नींद जब कभी भी आए ख्वाबों मे बसा लेना।।
साजिश तुम न करना गैर होकर भी मनमीत।
तमाशा देखेंगे मिलकर गुरुमुख तुम बना लेना।।
खिलेंगे मन गुफ्तगू करके प्रेम की बगिया में।
सावन खुद-ब-खुद आएगा गले तुम लगा लेना।।
लोभ का प्याला पीने वाले तरसते मोहब्बत को।
हमें अपनी दोस्ती प्यारी तसल्ली से जमा लेना।।
कौन जीता कौन हारा चिंता नही 'उपदेश' को।
एक दूसरे से दूरी नही हो हवा ऐसी चला लेना।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद