अमरत्व का सफर- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात "
ये जीवन है सागर,
मृत्यु है किनारा।
सबको एक दिन जाना है,
इस संसार से।
मृत्यु का साया,
हमेशा सिर पर मंडराता है।
जीवन का यह सच,
कभी नहीं छिपता है।
मृत्यु का दरवाजा,
एक दिन हर किसी को खटखटाता है।
इसके आगे,
सब कुछ व्यर्थ लगता है।
मृत्यु के बाद का सफर ,
कौन जाने कहाँ जाता है।
क्या है उस पार,
कौन बताता है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




